संपरिकीर्ति: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> राक्षस वश का एक प्रधान पुरुष । यह राक्षस जितभास्कर का पुत्र था । जितभास्कर इसे राज्य देकर मुनि हो गया था । अंत में इसने भी अपने पुत्र सुग्रीव को राज्य सौंपकर दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.389 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> राक्षस वश का एक प्रधान पुरुष । यह राक्षस जितभास्कर का पुत्र था । जितभास्कर इसे राज्य देकर मुनि हो गया था । अंत में इसने भी अपने पुत्र सुग्रीव को राज्य सौंपकर दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#389|पद्मपुराण -5. 389]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:36, 17 November 2023
राक्षस वश का एक प्रधान पुरुष । यह राक्षस जितभास्कर का पुत्र था । जितभास्कर इसे राज्य देकर मुनि हो गया था । अंत में इसने भी अपने पुत्र सुग्रीव को राज्य सौंपकर दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण -5. 389