अनंतसुख: Difference between revisions
From जैनकोष
Bhumi Doshi (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण― मोहनीय कर्म के क्षय से भोग करने योग्य पदार्थों में उत्कंठा का अभाव । <span class="GRef"> महापुराण 20. 222-223, 42.44,100 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण― मोहनीय कर्म के क्षय से भोग करने योग्य पदार्थों में उत्कंठा का अभाव । <span class="GRef"> महापुराण 20. 222-223, 42.44,100 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्ध के आठ गुणों में एक गुण― मोहनीय कर्म के क्षय से भोग करने योग्य पदार्थों में उत्कंठा का अभाव । महापुराण 20. 222-223, 42.44,100