अपरिग्रह महाव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> पाँचवां महाव्रत । दस प्रकार के बाह्य तथा चौदह प्रकार के अंतरंग परिग्रह से विरक्त होना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.121, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.87 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पाँचवां महाव्रत । दस प्रकार के बाह्य तथा चौदह प्रकार के अंतरंग परिग्रह से विरक्त होना । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#121|हरिवंशपुराण - 2.121]], </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 9.87 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
पाँचवां महाव्रत । दस प्रकार के बाह्य तथा चौदह प्रकार के अंतरंग परिग्रह से विरक्त होना । हरिवंशपुराण - 2.121, पांडवपुराण 9.87