अंध्र: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) धूमप्रभा पृथिवी के चतुर्थ प्रकारक का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में चौबीस, विदिशाओं में बीस कुल चवालीस श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.141, </span>देखें [[ धूमप्रभा ]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) धूमप्रभा पृथिवी के चतुर्थ प्रकारक का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में चौबीस, विदिशाओं में बीस कुल चवालीस श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#141|हरिवंशपुराण - 4.141]], </span>देखें [[ धूमप्रभा ]]</p> | ||
<p id="2">(2) दक्षिण का एक देश । लवणांकुश ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#84|पद्मपुराण - 101.84-86]] </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) दक्षिण का एक देश । लवणांकुश ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#84|पद्मपुराण - 101.84-86]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
(1) धूमप्रभा पृथिवी के चतुर्थ प्रकारक का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में चौबीस, विदिशाओं में बीस कुल चवालीस श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.141, देखें धूमप्रभा
(2) दक्षिण का एक देश । लवणांकुश ने यहाँ के राजा को पराजित किया था । पद्मपुराण - 101.84-86