आशालिका: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> मायामय प्राकार की निर्मात्री एक विद्या । रावण ने उपरंभा से यह विद्या प्राप्त करके नलकूबर को जीता था । इसी विद्या के द्वारा रावण ने लंका के चारों ओर मायामयी कोट का निर्माण कराया था जिसका हनुमान ने भंग किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#137|पद्मपुराण - 12.137-145]] 52.15-22 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मायामय प्राकार की निर्मात्री एक विद्या । रावण ने उपरंभा से यह विद्या प्राप्त करके नलकूबर को जीता था । इसी विद्या के द्वारा रावण ने लंका के चारों ओर मायामयी कोट का निर्माण कराया था जिसका हनुमान ने भंग किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_12#137|पद्मपुराण - 12.137-145]] 52.15-22 </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
मायामय प्राकार की निर्मात्री एक विद्या । रावण ने उपरंभा से यह विद्या प्राप्त करके नलकूबर को जीता था । इसी विद्या के द्वारा रावण ने लंका के चारों ओर मायामयी कोट का निर्माण कराया था जिसका हनुमान ने भंग किया था । पद्मपुराण - 12.137-145 52.15-22