इंद्रक निगोद: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> नरकों के इंद्रक बिल । ये सभी तिकोने तथा तीन द्वारों से युक्त होते हैं । इनके सिवाय श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक निगोदों में कितने ही बिल दो द्वारों से युक्त और दुकोने, कितने ही तीन द्वारों से युक्त और तिकोने, कितने हो पाँच द्वारों से युक्त और पचकोने और कितने ही सात द्वारों से युक्त तथा सतकोने होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.352 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> नरकों के इंद्रक बिल । ये सभी तिकोने तथा तीन द्वारों से युक्त होते हैं । इनके सिवाय श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक निगोदों में कितने ही बिल दो द्वारों से युक्त और दुकोने, कितने ही तीन द्वारों से युक्त और तिकोने, कितने हो पाँच द्वारों से युक्त और पचकोने और कितने ही सात द्वारों से युक्त तथा सतकोने होते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#352|हरिवंशपुराण - 4.352]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
नरकों के इंद्रक बिल । ये सभी तिकोने तथा तीन द्वारों से युक्त होते हैं । इनके सिवाय श्रेणीबद्ध और प्रकीर्णक निगोदों में कितने ही बिल दो द्वारों से युक्त और दुकोने, कितने ही तीन द्वारों से युक्त और तिकोने, कितने हो पाँच द्वारों से युक्त और पचकोने और कितने ही सात द्वारों से युक्त तथा सतकोने होते हैं । हरिवंशपुराण - 4.352