निर्नामिक: Difference between revisions
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<p class="HindiText">–(ह.पु./३३/श्लोक नं.) राजा गंगदेव का पुत्र था। पूर्वभव के वैर के कारण जन्मते ही माता ने त्याग दिया। रेवती नामक धाय ने पाला।१४४। एक दिन अपने भाइयों के साथ भोजन करने को बैठा तो माता ने लात मारी।१४७। मुनि दीक्षा ले घोर तप किया। अगले भव में कृष्ण नामक नवा नारायण हुआ।–देखें - [[ कृष्ण | कृष्ण। ]]</p> | |||
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Revision as of 17:16, 25 December 2013
–(ह.पु./३३/श्लोक नं.) राजा गंगदेव का पुत्र था। पूर्वभव के वैर के कारण जन्मते ही माता ने त्याग दिया। रेवती नामक धाय ने पाला।१४४। एक दिन अपने भाइयों के साथ भोजन करने को बैठा तो माता ने लात मारी।१४७। मुनि दीक्षा ले घोर तप किया। अगले भव में कृष्ण नामक नवा नारायण हुआ।–देखें - कृष्ण।