कर्मस्थिति: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 10.957-86 </span> | <span class="HindiText"> अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_10#957|हरिवंशपुराण - 10.957]]-86 </span> | ||
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अग्रायणीयपूर्व की पंचम वस्तु के बीस प्राभृतों में कर्मप्रकृति नाम के चौथे प्राभृत के चौबीस योगद्वारों में तेईसवाँ योगद्वार । हरिवंशपुराण - 10.957-86