कांबोज: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 18: | Line 18: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<span class="HindiText"> भरतेश के भाई द्वारा छोड़ा गया भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखंड में स्थित (काबुल का पार्श्ववर्ती) एक देश । यहाँ के अश्व प्रसिद्ध थे । <span class="GRef"> महापुराण 16.141-148, 156, 30.107, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 11.66-67 </span>कृष्ण के समय में लोग इसे इसी नाम से जानते थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 50. 72-73 </span>महावीर की विहारभूमि । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.3-7 </span> | <span class="HindiText"> भरतेश के भाई द्वारा छोड़ा गया भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखंड में स्थित (काबुल का पार्श्ववर्ती) एक देश । यहाँ के अश्व प्रसिद्ध थे । <span class="GRef"> महापुराण 16.141-148, 156, 30.107, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#66|हरिवंशपुराण - 11.66-67]] </span>कृष्ण के समय में लोग इसे इसी नाम से जानते थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#72|हरिवंशपुराण - 50.72-73]] </span>महावीर की विहारभूमि । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#3|हरिवंशपुराण - 3.3-7]] </span> | ||
Revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
1. भरतक्षेत्र उत्तर आर्य खंड का एक देश—देखें मनुष्य - 4।
2. वर्तमान बलोचिस्तान ( महापुराण/ प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)
पुराणकोष से
भरतेश के भाई द्वारा छोड़ा गया भरतक्षेत्र के उत्तर आर्यखंड में स्थित (काबुल का पार्श्ववर्ती) एक देश । यहाँ के अश्व प्रसिद्ध थे । महापुराण 16.141-148, 156, 30.107, हरिवंशपुराण - 11.66-67 कृष्ण के समय में लोग इसे इसी नाम से जानते थे । हरिवंशपुराण - 50.72-73 महावीर की विहारभूमि । हरिवंशपुराण - 3.3-7