जिह्व: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> शर्कराप्रभा पृथिवी के सप्तम प्रस्तार का सातवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बीस और विदिशाओं मे एक सौ सोलह श्रेणीबद्ध बिल होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.78,111 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> शर्कराप्रभा पृथिवी के सप्तम प्रस्तार का सातवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बीस और विदिशाओं मे एक सौ सोलह श्रेणीबद्ध बिल होते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#78|हरिवंशपुराण - 4.78]],111 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
शर्कराप्रभा पृथिवी के सप्तम प्रस्तार का सातवाँ इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ बीस और विदिशाओं मे एक सौ सोलह श्रेणीबद्ध बिल होते हैं । हरिवंशपुराण - 4.78,111