ज्वलनजटी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के रथनूपुर नगर का विद्याधर राजा । इसने विजयार्ध पर्वत के ही द्युतिलक नामक नगर के राजा विद्याधर चंद्राभ की पुत्री वायुवेगा के साथ विवाह किया था । यह एक भार्या व्रतधारी था । इन दोनों के अर्ककीर्ति नाम का पुत्र और स्वयंप्रभा नाम की पुत्री हुई थी । पुत्री का विवाह इसने प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ से किया था । अमिततेज इसका पौत्र और सुतारा पौत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.25, 30, 41, 151-152, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.12, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 3.71-95 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के रथनूपुर नगर का विद्याधर राजा । इसने विजयार्ध पर्वत के ही द्युतिलक नामक नगर के राजा विद्याधर चंद्राभ की पुत्री वायुवेगा के साथ विवाह किया था । यह एक भार्या व्रतधारी था । इन दोनों के अर्ककीर्ति नाम का पुत्र और स्वयंप्रभा नाम की पुत्री हुई थी । पुत्री का विवाह इसने प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ से किया था । अमिततेज इसका पौत्र और सुतारा पौत्री थी । <span class="GRef"> महापुराण 62.25, 30, 41, 151-152, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.12, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 3.71-95 </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
विजयार्ध पर्वत की दक्षिण श्रेणी के रथनूपुर नगर का विद्याधर राजा । इसने विजयार्ध पर्वत के ही द्युतिलक नामक नगर के राजा विद्याधर चंद्राभ की पुत्री वायुवेगा के साथ विवाह किया था । यह एक भार्या व्रतधारी था । इन दोनों के अर्ककीर्ति नाम का पुत्र और स्वयंप्रभा नाम की पुत्री हुई थी । पुत्री का विवाह इसने प्रथम नारायण त्रिपृष्ठ से किया था । अमिततेज इसका पौत्र और सुतारा पौत्री थी । महापुराण 62.25, 30, 41, 151-152, पांडवपुराण 4.12, वीरवर्द्धमान चरित्र 3.71-95