तार: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> चौथी पंकप्रभा नरकभूमि के द्वितीय प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में साठ और विदिशाओं में छप्पन श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.82, 130 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> चौथी पंकप्रभा नरकभूमि के द्वितीय प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में साठ और विदिशाओं में छप्पन श्रेणिबद्ध बिल है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#82|हरिवंशपुराण - 4.82]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#130|हरिवंशपुराण - 4.130]] </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
चतुर्थ नरक का तृतीय पटल–देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
चौथी पंकप्रभा नरकभूमि के द्वितीय प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में साठ और विदिशाओं में छप्पन श्रेणिबद्ध बिल है । हरिवंशपुराण - 4.82,हरिवंशपुराण - 4.130