परविवाहकरण: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> स्वदारसंतोषव्रत के पाँच अतिचारों में इस नाम का एक अतिचार । अपनी या अपने संरक्षण में रहने वाली संतान के सिवाय दूसरों की संतान का विवाह करना, कराना इस अतिचार में आता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 54. 174-175 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> स्वदारसंतोषव्रत के पाँच अतिचारों में इस नाम का एक अतिचार । अपनी या अपने संरक्षण में रहने वाली संतान के सिवाय दूसरों की संतान का विवाह करना, कराना इस अतिचार में आता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_54#174|हरिवंशपुराण - 54.174-175]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
स्वदारसंतोषव्रत के पाँच अतिचारों में इस नाम का एक अतिचार । अपनी या अपने संरक्षण में रहने वाली संतान के सिवाय दूसरों की संतान का विवाह करना, कराना इस अतिचार में आता है । हरिवंशपुराण - 54.174-175