मंदिरस्थविर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक मुनि । भद्रिलपुर नगर के राजा मेघरथ और वणिक् धनदत्त तथा उसके नौ पुत्रों के ये दीक्षागुरु थे वाराणसी के बाहर प्रियंगुखंड वन में ये केवली हुए तथा राजगृह के समीप सिद्धशिला से सिद्ध हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 70. 182-192 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक मुनि । भद्रिलपुर नगर के राजा मेघरथ और वणिक् धनदत्त तथा उसके नौ पुत्रों के ये दीक्षागुरु थे वाराणसी के बाहर प्रियंगुखंड वन में ये केवली हुए तथा राजगृह के समीप सिद्धशिला से सिद्ध हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 70. 182-192 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:20, 27 November 2023
एक मुनि । भद्रिलपुर नगर के राजा मेघरथ और वणिक् धनदत्त तथा उसके नौ पुत्रों के ये दीक्षागुरु थे वाराणसी के बाहर प्रियंगुखंड वन में ये केवली हुए तथा राजगृह के समीप सिद्धशिला से सिद्ध हुए थे । महापुराण 70. 182-192