रलचूल: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> एक देव । इसने राम-लक्ष्मण के स्नेह की परीक्षा ली थी । यह मृगचूल देव को अपने साथ लेकर स्वर्ग से अयोध्या आया तथा अयोध्या में इसने अंतःपुर की स्त्रियों का मायामय रुदन बताकर लक्ष्मण को राम का मरण दर्शाया था । इससे लक्ष्मण राम का मरण जानकर प्राण रहित हो गये थे । यह देव लक्ष्मण को निर्जीव देख लक्ष्मण का इसी प्रकार मरण होना होगा ऐसा विचार करता हुआ सौधर्म स्वर्ग लौट गया था । <span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_115#2|पद्मपुराण - 115.2- | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक देव । इसने राम-लक्ष्मण के स्नेह की परीक्षा ली थी । यह मृगचूल देव को अपने साथ लेकर स्वर्ग से अयोध्या आया तथा अयोध्या में इसने अंतःपुर की स्त्रियों का मायामय रुदन बताकर लक्ष्मण को राम का मरण दर्शाया था । इससे लक्ष्मण राम का मरण जानकर प्राण रहित हो गये थे । यह देव लक्ष्मण को निर्जीव देख लक्ष्मण का इसी प्रकार मरण होना होगा ऐसा विचार करता हुआ सौधर्म स्वर्ग लौट गया था । <span class="GRef"> ([[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_115#2|पद्मपुराण - 115.2-16]]) </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
एक देव । इसने राम-लक्ष्मण के स्नेह की परीक्षा ली थी । यह मृगचूल देव को अपने साथ लेकर स्वर्ग से अयोध्या आया तथा अयोध्या में इसने अंतःपुर की स्त्रियों का मायामय रुदन बताकर लक्ष्मण को राम का मरण दर्शाया था । इससे लक्ष्मण राम का मरण जानकर प्राण रहित हो गये थे । यह देव लक्ष्मण को निर्जीव देख लक्ष्मण का इसी प्रकार मरण होना होगा ऐसा विचार करता हुआ सौधर्म स्वर्ग लौट गया था । (पद्मपुराण - 115.2-16)