वंकापुर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> भरतक्षेत्र की दक्षिण दिशा में स्थित एक प्राचीन नगर । राजा लोकादित्य ने इसका अपने पिता चेल्लकेत बंकेय के नाम पर निर्माण कराया था । उत्तरपुराण की समाप्ति इसी नगर के शांतिनाथ जिनालय में शक संवत् 820 में हुई थी । यह वर्तमान में धारवाड़ जिले में है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>प्रशस्ति 32-36</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> भरतक्षेत्र की दक्षिण दिशा में स्थित एक प्राचीन नगर । राजा लोकादित्य ने इसका अपने पिता चेल्लकेत बंकेय के नाम पर निर्माण कराया था । उत्तरपुराण की समाप्ति इसी नगर के शांतिनाथ जिनालय में शक संवत् 820 में हुई थी । यह वर्तमान में धारवाड़ जिले में है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण </span>प्रशस्ति 32-36</p> | ||
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Revision as of 15:25, 27 November 2023
भरतक्षेत्र की दक्षिण दिशा में स्थित एक प्राचीन नगर । राजा लोकादित्य ने इसका अपने पिता चेल्लकेत बंकेय के नाम पर निर्माण कराया था । उत्तरपुराण की समाप्ति इसी नगर के शांतिनाथ जिनालय में शक संवत् 820 में हुई थी । यह वर्तमान में धारवाड़ जिले में है । हरिवंशपुराण प्रशस्ति 32-36