श्वपाकी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> मातंग जाति के विद्याधरों का एक निकाय । ये विद्याधर पीत केशधारी, तप्तस्वर्णाभूषणों से युक्त होकर स्वपाकी विद्या-स्तंभों का आश्रय लेकर बैठते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 26.19 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मातंग जाति के विद्याधरों का एक निकाय । ये विद्याधर पीत केशधारी, तप्तस्वर्णाभूषणों से युक्त होकर स्वपाकी विद्या-स्तंभों का आश्रय लेकर बैठते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_26#19|हरिवंशपुराण - 26.19]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
मातंग जाति के विद्याधरों का एक निकाय । ये विद्याधर पीत केशधारी, तप्तस्वर्णाभूषणों से युक्त होकर स्वपाकी विद्या-स्तंभों का आश्रय लेकर बैठते हैं । हरिवंशपुराण - 26.19