सचित्त-संबंधाहार: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । सचित्त वस्तुओं से संबंध रखने वाले आहारपान का सेवन करना सचित्तसंबंधाहार अतिचार कहलाता है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.182 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । सचित्त वस्तुओं से संबंध रखने वाले आहारपान का सेवन करना सचित्तसंबंधाहार अतिचार कहलाता है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#182|हरिवंशपुराण - 58.182]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । सचित्त वस्तुओं से संबंध रखने वाले आहारपान का सेवन करना सचित्तसंबंधाहार अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण - 58.182