समंतानुपातिनी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में चौदहवीं दुष्क्रिया-स्त्री-पुरुषों और पशुओं के मिलने जुलने आदि के योग्य स्थान पर मल-पुत्रादि का छोड़ना । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.71 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में चौदहवीं दुष्क्रिया-स्त्री-पुरुषों और पशुओं के मिलने जुलने आदि के योग्य स्थान पर मल-पुत्रादि का छोड़ना । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#71|हरिवंशपुराण - 58.71]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:25, 27 November 2023
सांपरायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में चौदहवीं दुष्क्रिया-स्त्री-पुरुषों और पशुओं के मिलने जुलने आदि के योग्य स्थान पर मल-पुत्रादि का छोड़ना । हरिवंशपुराण - 58.71