सुरूपा: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के गगनवल्लभ नगर के राजा विद्युद्वेग विद्याधर की पुत्री । यह नित्यालोकपुर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । ये दोनों पति-पत्नी जिनेंद्र की पूजा करने सुमेरु पर गये थे । वहाँ चारणऋद्धिधारी मुनि से धर्मोपदेश सुनकर इसका पति दीक्षित हो गया था । इसने भी सुभद्रा आर्यिका से संयम धारण किया । मरकर यह सौधर्म स्वर्ग ने देवी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 71.419-424 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के गगनवल्लभ नगर के राजा विद्युद्वेग विद्याधर की पुत्री । यह नित्यालोकपुर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । ये दोनों पति-पत्नी जिनेंद्र की पूजा करने सुमेरु पर गये थे । वहाँ चारणऋद्धिधारी मुनि से धर्मोपदेश सुनकर इसका पति दीक्षित हो गया था । इसने भी सुभद्रा आर्यिका से संयम धारण किया । मरकर यह सौधर्म स्वर्ग ने देवी हुई । <span class="GRef"> महापुराण 71.419-424 </span></p> | ||
<p id="2">(2) एक देवी । इसने राजा मेघरथ के सम्यक्त्व की परीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.281-287 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) एक देवी । इसने राजा मेघरथ के सम्यक्त्व की परीक्षा ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 63.281-287 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
(1) जंबूद्वीप के विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी के गगनवल्लभ नगर के राजा विद्युद्वेग विद्याधर की पुत्री । यह नित्यालोकपुर के राजा महेंद्रविक्रम को विवाही गयी थी । ये दोनों पति-पत्नी जिनेंद्र की पूजा करने सुमेरु पर गये थे । वहाँ चारणऋद्धिधारी मुनि से धर्मोपदेश सुनकर इसका पति दीक्षित हो गया था । इसने भी सुभद्रा आर्यिका से संयम धारण किया । मरकर यह सौधर्म स्वर्ग ने देवी हुई । महापुराण 71.419-424
(2) एक देवी । इसने राजा मेघरथ के सम्यक्त्व की परीक्षा ली थी । महापुराण 63.281-287