मूर्तिक: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> पंचास्तिकाय/मूल/99 </span> | |||
<span class="PrakritText"> जे खलु इंदिय गज्झा विसया जीवेहिं होंति ते मुत्ता । सेसं हवदि अमुत्तं.... ।99।</span><span class="HindiText"> | |||
= जो पदार्थ जीवों के इंद्रियग्राह्य विषय हैं, वे मूर्त हैं और शेष पदार्थ समूह अमूर्त हैं । </span>span class="GRef"> (प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका/131; पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/7)</span> | |||
<span class="HindiText"> विशेष जानकारी के लिए देखें [[ मूर्त#6 | मूर्त 6]]। </span> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 09:34, 12 January 2024
पंचास्तिकाय/मूल/99 जे खलु इंदिय गज्झा विसया जीवेहिं होंति ते मुत्ता । सेसं हवदि अमुत्तं.... ।99। = जो पदार्थ जीवों के इंद्रियग्राह्य विषय हैं, वे मूर्त हैं और शेष पदार्थ समूह अमूर्त हैं । span class="GRef"> (प्रवचनसार / तत्त्वप्रदीपिका/131; पंचाध्यायी / उत्तरार्ध/7)
विशेष जानकारी के लिए देखें मूर्त 6।