औपशमिक चारित्र: Difference between revisions
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Latest revision as of 22:00, 31 January 2024
मोहनीय कर्म के पूर्णत: उपशमन से प्राप्त चारित्र । इसकी उपलब्धि से मोक्ष मिलता है । महापुराण 11.91, हरिवंशपुराण - 3.145