सद्भूत नय: Difference between revisions
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देखें [[ नय#V. | <span class="GRef">आलापपद्धति/5</span> <span class="SanskritText">नयानां समीपा: उपनया:। सद्भूतव्यवहार: असद्भूतव्यवहार उपचरितासद्भूतव्यवहारश्चेत्युपनयस्त्रेधा। </span>=<span class="HindiText">जो नयों के समीप हों अर्थात् नय की भाँति ही ज्ञाता के अभिप्राय स्वरूप हों उन्हें उपनय कहते हैं, और वह उपनय '''सद्भूत''', असद्भूत व उपचरित असद्भूत के भेद से तीन प्रकार का है।</span><br /> | ||
<span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ नय#V.4.8.1 | नय V.4.8.1]]।</span> | |||
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Latest revision as of 16:10, 19 February 2024
आलापपद्धति/5 नयानां समीपा: उपनया:। सद्भूतव्यवहार: असद्भूतव्यवहार उपचरितासद्भूतव्यवहारश्चेत्युपनयस्त्रेधा। =जो नयों के समीप हों अर्थात् नय की भाँति ही ज्ञाता के अभिप्राय स्वरूप हों उन्हें उपनय कहते हैं, और वह उपनय सद्भूत, असद्भूत व उपचरित असद्भूत के भेद से तीन प्रकार का है।
अधिक जानकारी के लिये देखें नय V.4.8.1।