समारंभ: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| | ||
== सिद्धांतकोष से == | == सिद्धांतकोष से == | ||
<span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/6/8/325/3 </span><span class="SanskritText">साधनसमभ्यासीकरणं समारंभ:।</span> =<span class="HindiText">साधनों का जुटाना समारंभ है। <span class="GRef">( राजवार्तिक/6/8/3/513/32 )</span>।</span> | |||
<p | <p><span class="GRef"> राजवार्तिक/6/8/3/513/32 </span><span class="SanskritText">साध्याया: क्रियाया: साधनानां समभ्यासीकरणं समाहार: समारंभ इत्याख्यायते।</span> =<span class="HindiText">साध्य के साधनों का इकट्ठा करना समारंभ है। <span class="GRef">( चारित्रसार/87/4 )</span>।</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 09:31, 20 February 2024
सिद्धांतकोष से
सर्वार्थसिद्धि/6/8/325/3 साधनसमभ्यासीकरणं समारंभ:। =साधनों का जुटाना समारंभ है। ( राजवार्तिक/6/8/3/513/32 )।
राजवार्तिक/6/8/3/513/32 साध्याया: क्रियाया: साधनानां समभ्यासीकरणं समाहार: समारंभ इत्याख्यायते। =साध्य के साधनों का इकट्ठा करना समारंभ है। ( चारित्रसार/87/4 )।
पुराणकोष से
कार्य के लिए साधन जुटाना । हरिवंशपुराण - 58.85