सर्वगत: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
केवलज्ञान से सर्व लोकालोक को जानने के कारण जीव सर्वगत या सर्वव्यापी है। | <p class="HindiText">केवलज्ञान से सर्व लोकालोक को जानने के कारण जीव सर्वगत या सर्वव्यापी है।</p> | ||
<noinclude> | <noinclude> |