यक्षलिक: Difference between revisions
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<p class="HindiText">ह. पु./३३/श्लोक मलयदेश में यक्षदत्त का पुत्र था। एक बार एक सर्पिणी को गाड़ी के पहिये के नीचे दबाकर मार दिया। (१५९-१६०)। यह श्रीकृष्ण का पूर्व का तीसरा भव | <p class="HindiText">ह. पु./३३/श्लोक मलयदेश में यक्षदत्त का पुत्र था। एक बार एक सर्पिणी को गाड़ी के पहिये के नीचे दबाकर मार दिया। (१५९-१६०)। यह श्रीकृष्ण का पूर्व का तीसरा भव है।−देखें - [[ कृष्ण | कृष्ण। ]]</p> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
ह. पु./३३/श्लोक मलयदेश में यक्षदत्त का पुत्र था। एक बार एक सर्पिणी को गाड़ी के पहिये के नीचे दबाकर मार दिया। (१५९-१६०)। यह श्रीकृष्ण का पूर्व का तीसरा भव है।−देखें - कृष्ण।