रतिकर: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">नन्दीश्वर द्वीप की पूर्वादि चारों दिशाओं में चार-चार बावड़ियाँ हैं । प्रत्येक बावड़ी के दोनों बाहर वाले कोनों पर एक-एक ढोलाकार (Cylindrical) पर्वत है । लाल वर्ण का होने के कारण इनका नाम रतिकर है । इस प्रकार कुल ३२ रतिकर हैं । प्रत्येक के शीश पर एक एक जिनमन्दिर है - विशेष | <p class="HindiText">नन्दीश्वर द्वीप की पूर्वादि चारों दिशाओं में चार-चार बावड़ियाँ हैं । प्रत्येक बावड़ी के दोनों बाहर वाले कोनों पर एक-एक ढोलाकार (Cylindrical) पर्वत है । लाल वर्ण का होने के कारण इनका नाम रतिकर है । इस प्रकार कुल ३२ रतिकर हैं । प्रत्येक के शीश पर एक एक जिनमन्दिर है - विशेष देखें - [[ लोक#4.5 | लोक / ४ / ५ ]]।</p> | ||
[[रति | Previous Page]] | [[रति | Previous Page]] |
Revision as of 15:25, 6 October 2014
नन्दीश्वर द्वीप की पूर्वादि चारों दिशाओं में चार-चार बावड़ियाँ हैं । प्रत्येक बावड़ी के दोनों बाहर वाले कोनों पर एक-एक ढोलाकार (Cylindrical) पर्वत है । लाल वर्ण का होने के कारण इनका नाम रतिकर है । इस प्रकार कुल ३२ रतिकर हैं । प्रत्येक के शीश पर एक एक जिनमन्दिर है - विशेष देखें - लोक / ४ / ५ ।