राजू: Difference between revisions
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<p class="HindiText"><strong>−</strong>(ज. प./प्र./२३) Raju is according to Colebrook the distance which a Deva flies in six months at the rate of 2,057,152 Yojans in one क्षण i.e. instant of time/ - Quited by Von Glassnappin 'Der Jainismus'-Foot Note (Cosmology & Old & New P. 105/ - इस परिभाषा के अनुसार राजु का प्रमाण इस तरह निकाला जा सकता है - ६ माह = (५४००००)×6×30×24×60 ( | <p class="HindiText"><strong>−</strong>(ज. प./प्र./२३) Raju is according to Colebrook the distance which a Deva flies in six months at the rate of 2,057,152 Yojans in one क्षण i.e. instant of time/ - Quited by Von Glassnappin 'Der Jainismus'-Foot Note (Cosmology & Old & New P. 105/ - इस परिभाषा के अनुसार राजु का प्रमाण इस तरह निकाला जा सकता है - ६ माह = (५४००००)×6×30×24×60 ( देखें - [[ गणित#I.1.3 | गणित / I / १ / ३ ]]) - प्रतिविपलांश या क्षण। और - १ योजन = ४५४५ॱ४५ मील (या क्रोश्रक) लेने पर, ६ मास में तय की हुई दूरी = ४५४५ॱ४५×2057172×6×30×24×60×540000 मीलएक राजू = (१ॱ३०८६६६६२....) × (10) 21 मील According G.R. Jain. १ राजू = 1ॱ45×(10) 21 मील (डॉ. आइंस्टीन के संख्यात लोक त्रिजया लेकर उसके अनुसार लोक के घनफल के आधार पर) According to पं. माधवाचार्य = १००० भार का गोला, इंद्रलोक से नीचे गिरकर ६ मास में जितनी दूर पहुँचे उस सम्पूर्ण लम्बाई को एक राजू कहते हैं। </p> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
−(ज. प./प्र./२३) Raju is according to Colebrook the distance which a Deva flies in six months at the rate of 2,057,152 Yojans in one क्षण i.e. instant of time/ - Quited by Von Glassnappin 'Der Jainismus'-Foot Note (Cosmology & Old & New P. 105/ - इस परिभाषा के अनुसार राजु का प्रमाण इस तरह निकाला जा सकता है - ६ माह = (५४००००)×6×30×24×60 ( देखें - गणित / I / १ / ३ ) - प्रतिविपलांश या क्षण। और - १ योजन = ४५४५ॱ४५ मील (या क्रोश्रक) लेने पर, ६ मास में तय की हुई दूरी = ४५४५ॱ४५×2057172×6×30×24×60×540000 मीलएक राजू = (१ॱ३०८६६६६२....) × (10) 21 मील According G.R. Jain. १ राजू = 1ॱ45×(10) 21 मील (डॉ. आइंस्टीन के संख्यात लोक त्रिजया लेकर उसके अनुसार लोक के घनफल के आधार पर) According to पं. माधवाचार्य = १००० भार का गोला, इंद्रलोक से नीचे गिरकर ६ मास में जितनी दूर पहुँचे उस सम्पूर्ण लम्बाई को एक राजू कहते हैं।