वादिचंद्र: Difference between revisions
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<p class="HindiText">नन्दिसंघ बलात्कारगण की सूरत शाखा में प्रभा चन्द्र के शिष्य और महीचन्द्र के गुरु। कृतियें - पार्श्वपुराण, श्रीपाल आख्यान, ज्ञान सूर्योदय नाटक, सुभगसुलोचना चरित्र, पवनदूत। समय-वि.१६३७-१६६४ (ई.१५८०-१६०७)। ( | <p class="HindiText">नन्दिसंघ बलात्कारगण की सूरत शाखा में प्रभा चन्द्र के शिष्य और महीचन्द्र के गुरु। कृतियें - पार्श्वपुराण, श्रीपाल आख्यान, ज्ञान सूर्योदय नाटक, सुभगसुलोचना चरित्र, पवनदूत। समय-वि.१६३७-१६६४ (ई.१५८०-१६०७)। ( देखें - [[ इतिहास#7.4 | इतिहास / ७ / ४ ]]), (ती./४/७१), (जै./१/४७६)।</p> | ||
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नन्दिसंघ बलात्कारगण की सूरत शाखा में प्रभा चन्द्र के शिष्य और महीचन्द्र के गुरु। कृतियें - पार्श्वपुराण, श्रीपाल आख्यान, ज्ञान सूर्योदय नाटक, सुभगसुलोचना चरित्र, पवनदूत। समय-वि.१६३७-१६६४ (ई.१५८०-१६०७)। ( देखें - इतिहास / ७ / ४ ), (ती./४/७१), (जै./१/४७६)।