विशेषावश्यक भाष्य: Difference between revisions
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Revision as of 16:25, 6 October 2014
श्वेताम्बर आम्नाय का प्राकृत गाथाबद्ध यह विशालकाय ग्रन्थ क्षमाश्रमण जिनभद्र गणी ने वि.स.६५० (ई.५९३) में पूरा किया था। (देखें - परिशिष्ट )।