चेलना: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> (म.पु./७५/श्लोक नं.) राजा चेटक की पुत्री थी।६-८। राजा श्रेणिक से विवाही गयी, तथा उसकी पटरानी बनी।३४। </li> | <li class="HindiText"> (म.पु./७५/श्लोक नं.) राजा चेटक की पुत्री थी।६-८। राजा श्रेणिक से विवाही गयी, तथा उसकी पटरानी बनी।३४। </li> | ||
<li class="HindiText"> (बृहत्कथाकोश/कथा नं.८/पृ.नं.२९) वैशाख नामा मुनि राजगृह में एक महीने के उपवास से आये। मुनि की स्त्री जो व्यन्तरी हो गयी थी, उसने मुनिराज के पड़गाहने के समय उनकी इन्द्री बढ़ा दी। तब चेलना ने उनके आगे कपड़ा | <li class="HindiText"> (बृहत्कथाकोश/कथा नं.८/पृ.नं.२९) वैशाख नामा मुनि राजगृह में एक महीने के उपवास से आये। मुनि की स्त्री जो व्यन्तरी हो गयी थी, उसने मुनिराज के पड़गाहने के समय उनकी इन्द्री बढ़ा दी। तब चेलना ने उनके आगे कपड़ा ढँककर उनका उपसर्ग व अवर्णवाद दूर करके उनको आहार दिया।२९। </li> | ||
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Revision as of 20:20, 28 February 2015
- (म.पु./७५/श्लोक नं.) राजा चेटक की पुत्री थी।६-८। राजा श्रेणिक से विवाही गयी, तथा उसकी पटरानी बनी।३४।
- (बृहत्कथाकोश/कथा नं.८/पृ.नं.२९) वैशाख नामा मुनि राजगृह में एक महीने के उपवास से आये। मुनि की स्त्री जो व्यन्तरी हो गयी थी, उसने मुनिराज के पड़गाहने के समय उनकी इन्द्री बढ़ा दी। तब चेलना ने उनके आगे कपड़ा ढँककर उनका उपसर्ग व अवर्णवाद दूर करके उनको आहार दिया।२९।