टंक: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
(ध.१४/५,६,६४१/४९५/४)–<span class="PrakritText">सिलामयपव्वएसु उक्किण्णबावीकूव-तलाय-जिणधरादीणि टंकाणि णाम। </span>=<span class="HindiText">शिलामय पर्वतों में उकीरे गये वापी, | (ध.१४/५,६,६४१/४९५/४)–<span class="PrakritText">सिलामयपव्वएसु उक्किण्णबावीकूव-तलाय-जिणधरादीणि टंकाणि णाम। </span>=<span class="HindiText">शिलामय पर्वतों में उकीरे गये वापी, कुँआ, तालाब, और जिनघर आदि टंक कहलाते हैं। </span> | ||
[[झूठ | Previous Page]] | [[झूठ | Previous Page]] |
Revision as of 21:20, 28 February 2015
(ध.१४/५,६,६४१/४९५/४)–सिलामयपव्वएसु उक्किण्णबावीकूव-तलाय-जिणधरादीणि टंकाणि णाम। =शिलामय पर्वतों में उकीरे गये वापी, कुँआ, तालाब, और जिनघर आदि टंक कहलाते हैं।