नंदन: Difference between revisions
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<li> भगवान् के तीर्थ में एक अनुत्तरोपपादिक‒देखें - [[ अनुत्तरोपपादिक | अनुत्तरोपपादिक ]], </li> | <li> भगवान् के तीर्थ में एक अनुत्तरोपपादिक‒देखें - [[ अनुत्तरोपपादिक | अनुत्तरोपपादिक ]], </li> | ||
<li> सौधर्म स्वर्ग का | <li> सौधर्म स्वर्ग का सातवाँ पटल‒देखें - [[ स्वर्ग#53 | स्वर्ग / ५३]]; </li> | ||
<li> मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट व उस पर निवासिनी एक सुपर्ण कुमारी देवी। ( देखें - [[ लोक#5.10 | लोक / ५ / १० ]]) </li> | <li> मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट व उस पर निवासिनी एक सुपर्ण कुमारी देवी। ( देखें - [[ लोक#5.10 | लोक / ५ / १० ]]) </li> | ||
<li> सुमेरु पर्वत का द्वितीय वन जिसके चारों दिशाओं में चार चैत्यालय हैं‒ देखें - [[ लोक#3.6 | लोक / ३ / ६ ]]। </li> | <li> सुमेरु पर्वत का द्वितीय वन जिसके चारों दिशाओं में चार चैत्यालय हैं‒ देखें - [[ लोक#3.6 | लोक / ३ / ६ ]]। </li> |
Revision as of 22:20, 1 March 2015
- वर्द्धमान भगवान् का पूर्व का दूसरा भव । एक सज्जन के पुत्र थे‒देखें - महावीर .
- भगवान् के तीर्थ में एक अनुत्तरोपपादिक‒देखें - अनुत्तरोपपादिक ,
- सौधर्म स्वर्ग का सातवाँ पटल‒देखें - स्वर्ग / ५३;
- मानुषोत्तर पर्वत का एक कूट व उस पर निवासिनी एक सुपर्ण कुमारी देवी। ( देखें - लोक / ५ / १० )
- सुमेरु पर्वत का द्वितीय वन जिसके चारों दिशाओं में चार चैत्यालय हैं‒ देखें - लोक / ३ / ६ ।
- सौमनस व नन्दन वन का एक कूट‒ देखें - लोक / ५ / ५ ,
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर।‒देखें - विद्याधर।