निशुंभ: Difference between revisions
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<p class="HindiText">म.पु./अधि./श्लोक–दूरवर्ती पूर्व भव में राजसिंह नामका बड़ा मल्ल था। (६१/५९-६०)। अपर नाम मधु्क्रीड़ था। पूर्व भव में पुण्डरीक नामक नारायण के जीव का शत्रु था। (६५/१८०)। वर्तमान भव में | <p class="HindiText">म.पु./अधि./श्लोक–दूरवर्ती पूर्व भव में राजसिंह नामका बड़ा मल्ल था। (६१/५९-६०)। अपर नाम मधु्क्रीड़ था। पूर्व भव में पुण्डरीक नामक नारायण के जीव का शत्रु था। (६५/१८०)। वर्तमान भव में पाँचवाँ प्रतिनारायण हुआ– देखें - [[ शलाका पुरुष#5 | शलाका पुरुष / ५ ]]।</p> | ||
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Revision as of 23:20, 1 March 2015
म.पु./अधि./श्लोक–दूरवर्ती पूर्व भव में राजसिंह नामका बड़ा मल्ल था। (६१/५९-६०)। अपर नाम मधु्क्रीड़ था। पूर्व भव में पुण्डरीक नामक नारायण के जीव का शत्रु था। (६५/१८०)। वर्तमान भव में पाँचवाँ प्रतिनारायण हुआ– देखें - शलाका पुरुष / ५ ।