न्यून: Difference between revisions
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<li> न्या.सू./मू./५/२/१२/३१५<span class="SanskritText"> हीनमन्यतमेनाप्यवयवेन न्यूनम् ।१२। </span>=<span class="HindiText">प्रतिज्ञा आदि | <li> न्या.सू./मू./५/२/१२/३१५<span class="SanskritText"> हीनमन्यतमेनाप्यवयवेन न्यूनम् ।१२। </span>=<span class="HindiText">प्रतिज्ञा आदि पाँच अवयवों में से किसी एक अवयव से हीन वाक्य कहना न्यून नामक निग्रहस्थान है। (श्लो.वा.४/१/३३/ न्या./२२०/३९६/११ में इसका निराकरण किया गया है) </span></li> | ||
<li class="HindiText"> गणित को व्यकलन विधि में मूलराशि को ऋण राशिकर न्यून कहा जाता है– देखें - [[ गणित#II.1.4 | गणित / II / १ / ४ ]]। </li> | <li class="HindiText"> गणित को व्यकलन विधि में मूलराशि को ऋण राशिकर न्यून कहा जाता है– देखें - [[ गणित#II.1.4 | गणित / II / १ / ४ ]]। </li> | ||
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Revision as of 23:20, 1 March 2015
- न्या.सू./मू./५/२/१२/३१५ हीनमन्यतमेनाप्यवयवेन न्यूनम् ।१२। =प्रतिज्ञा आदि पाँच अवयवों में से किसी एक अवयव से हीन वाक्य कहना न्यून नामक निग्रहस्थान है। (श्लो.वा.४/१/३३/ न्या./२२०/३९६/११ में इसका निराकरण किया गया है)
- गणित को व्यकलन विधि में मूलराशि को ऋण राशिकर न्यून कहा जाता है– देखें - गणित / II / १ / ४ ।