अपरिगृहीता: Difference between revisions
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<p | <p> सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/28/368 या गणिकात्वेन पुंश्चलीत्वेन वा परपुरुषगमनशीला अस्वामिका सा अपरिगृहीता।</p> | ||
<p | <p>= जो वेश्या या व्यभिचारिणी होनेसे दूसरे पुरुषोंके पास आती-जाती रहती है, और जिसका कोई पुरुष स्वामी नहीं है, वह अपरिगृहीता कहलाती है।</p> | ||
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Revision as of 16:55, 10 June 2020
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 7/28/368 या गणिकात्वेन पुंश्चलीत्वेन वा परपुरुषगमनशीला अस्वामिका सा अपरिगृहीता।
= जो वेश्या या व्यभिचारिणी होनेसे दूसरे पुरुषोंके पास आती-जाती रहती है, और जिसका कोई पुरुष स्वामी नहीं है, वह अपरिगृहीता कहलाती है।