अभिधान: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p | <p> द्रव्यसंग्रह / मूल या टीका गाथा 1/7/5 यदेव व्याख्येयसूत्रमुक्तं तदेवाभिधानं वाचकं प्रतिपादकं भण्यते।</p> | ||
<p | <p>= जो व्याख्यान किये जाने योग्य सूत्र कहे गये हैं, वही अभिधान अर्थात् वाचक या प्रतिपादक कहलाते हैं।</p> | ||
[[ | |||
[[Category: | |||
<noinclude> | |||
[[ अभिजित | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ अभिधानचिन्तामणि कोश | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: अ]] |
Revision as of 16:56, 10 June 2020
द्रव्यसंग्रह / मूल या टीका गाथा 1/7/5 यदेव व्याख्येयसूत्रमुक्तं तदेवाभिधानं वाचकं प्रतिपादकं भण्यते।
= जो व्याख्यान किये जाने योग्य सूत्र कहे गये हैं, वही अभिधान अर्थात् वाचक या प्रतिपादक कहलाते हैं।