अर्ककीर्ति: Difference between revisions
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( | <p>( महापुराण / सर्ग/श्लो.नं.) -भरत चक्रवर्ती का पुत्र था 47/186-187। सुलोचना कन्याके अर्थ सेनापति जयसेन-द्वारा युद्धमें परास्त किया गया /44/71,72,344-45। गृहपति अकम्पन-द्वारा समझाया जानेपर `अक्षमाला' कन्याको प्राप्तकर सन्तुष्ट हुआ /45/10-30। इसीसे सूर्यवंशकी उत्पत्ति हुई।</p> | ||
( | <p>( पद्मपुराण सर्ग 5/4); ( पद्मपुराण सर्ग 5/260-261) ( हरिवंश पुराण सर्ग 3/1-7)।</p> | ||
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Revision as of 16:56, 10 June 2020
( महापुराण / सर्ग/श्लो.नं.) -भरत चक्रवर्ती का पुत्र था 47/186-187। सुलोचना कन्याके अर्थ सेनापति जयसेन-द्वारा युद्धमें परास्त किया गया /44/71,72,344-45। गृहपति अकम्पन-द्वारा समझाया जानेपर `अक्षमाला' कन्याको प्राप्तकर सन्तुष्ट हुआ /45/10-30। इसीसे सूर्यवंशकी उत्पत्ति हुई।
( पद्मपुराण सर्ग 5/4); ( पद्मपुराण सर्ग 5/260-261) ( हरिवंश पुराण सर्ग 3/1-7)।