अक्रूर: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) राजा श्रेणिक का पुत्र । इसने वारिषेण और अभयकुमार आदि अपने भाइयों और माताओं के साथ समवसरण में वीर जिनेन्द्र की वन्दना की थी । हरिवंशपुराण 2.139</p> | <p id="1"> (1) राजा श्रेणिक का पुत्र । इसने वारिषेण और अभयकुमार आदि अपने भाइयों और माताओं के साथ समवसरण में वीर जिनेन्द्र की वन्दना की थी । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.139 </span></p> | ||
<p id="2">(2) यादववंशी राजा वसुदेव और उनकी रानी विजयसेना का पुत्र । इसका पिता इसके उत्पन्न होते ही अज्ञात रूप से घर से निकल गया था किन्तु पुन: वापिस आकर और इसे लेकर वह | <p id="2">(2) यादववंशी राजा वसुदेव और उनकी रानी विजयसेना का पुत्र । इसका पिता इसके उत्पन्न होते ही अज्ञात रूप से घर से निकल गया था किन्तु पुन: वापिस आकर और इसे लेकर वह कुल्पर चला गया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 19.53-59, 32.33-34 </span>क्रूर इसका छोटा भाई था । कृष्ण और जरासन्ध के युद्ध में इसने कृष्ण का साथ दिया था । वसुदेव ने इसे बलराम और कृष्ण के रथ की रक्षा करने के लिए पृष्ठरक्षक बनाया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 48.53-54, 50. 83, 115.117 </span>देखें [[ वसुदेव ]]</p> | ||
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Revision as of 21:36, 5 July 2020
(1) राजा श्रेणिक का पुत्र । इसने वारिषेण और अभयकुमार आदि अपने भाइयों और माताओं के साथ समवसरण में वीर जिनेन्द्र की वन्दना की थी । हरिवंशपुराण 2.139
(2) यादववंशी राजा वसुदेव और उनकी रानी विजयसेना का पुत्र । इसका पिता इसके उत्पन्न होते ही अज्ञात रूप से घर से निकल गया था किन्तु पुन: वापिस आकर और इसे लेकर वह कुल्पर चला गया था । हरिवंशपुराण 19.53-59, 32.33-34 क्रूर इसका छोटा भाई था । कृष्ण और जरासन्ध के युद्ध में इसने कृष्ण का साथ दिया था । वसुदेव ने इसे बलराम और कृष्ण के रथ की रक्षा करने के लिए पृष्ठरक्षक बनाया था । हरिवंशपुराण 48.53-54, 50. 83, 115.117 देखें वसुदेव