अर्हद्दत्त: Difference between revisions
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Revision as of 21:37, 5 July 2020
(1) महावीर की मूल परम्परा में लोहाचार्य के पश्चात् होने वाले चार आचार्यों में अन्तिम आचार्य । वीवच 1.41-42
(2) धनदत्त और नन्दयशा का पुत्र । महापुराण 70.185, हरिवंशपुराण 18.113-115
(3) एक सेठ । इसने वर्षायोग में आहार के लिए आये गगन-विहारी मुनियों को निराचार जानकर उन्हें आहार नहीं दिया । पीछे आचार्य द्युति भट्टारक के द्वारा भूल बतायी जाने पर इसने बहुत पश्चात्ताप किया और अन्त में इन मुनियों को मथुरा में आहार देकर संतुष्ट हुआ । महापुराण 92.14-31, 42