असद्वेद्य: Difference between revisions
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<p> दु:ख और दु:ख की सामग्री का उत्पादक असातावेदनीय कर्म । घातिया कर्मों के नष्ट हो जाने से इस कर्म की शक्ति त अकिंचित्कर हो जाती है । महापुराण 25.40-42</p> | <p> दु:ख और दु:ख की सामग्री का उत्पादक असातावेदनीय कर्म । घातिया कर्मों के नष्ट हो जाने से इस कर्म की शक्ति त अकिंचित्कर हो जाती है । <span class="GRef"> महापुराण 25.40-42 </span></p> | ||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
दु:ख और दु:ख की सामग्री का उत्पादक असातावेदनीय कर्म । घातिया कर्मों के नष्ट हो जाने से इस कर्म की शक्ति त अकिंचित्कर हो जाती है । महापुराण 25.40-42