आदित्यगति: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित गांधार देश की उशीरवती नगरी का विद्याधर राजा । इसकी शशिप्रभा नामा पटरानी थी । इन दोनों के | <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित गांधार देश की उशीरवती नगरी का विद्याधर राजा । इसकी शशिप्रभा नामा पटरानी थी । इन दोनों के हिरण्यवर्मा नाम का पुत्र हुआ था । किसी समय नष्ट होते हुए मेघ को देख यह विरक्त हो गया । इसने पुत्र को राज्य देकर दीक्षा ग्रहण कर ली थी । <span class="GRef"> महापुराण 46.145-146, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.224 </span></p> | ||
<p id="2">(2) चारणऋद्धिधारी युगल मुनियों में अरिंजय मुनि के साथी एक मुनि । मुनि युगन्धर के संघ के ये श्रेष्ठ मुनि थे । महापुराण 5.193-194, 62. 348</p> | <p id="2">(2) चारणऋद्धिधारी युगल मुनियों में अरिंजय मुनि के साथी एक मुनि । मुनि युगन्धर के संघ के ये श्रेष्ठ मुनि थे । <span class="GRef"> महापुराण 5.193-194, 62. 348 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राक्षसवंश के प्रवर्तक रक्षस् और उसकी भार्या सुप्रभा का पुत्र । यह बृहत्कीर्ति का भाई, | <p id="3">(3) राक्षसवंश के प्रवर्तक रक्षस् और उसकी भार्या सुप्रभा का पुत्र । यह बृहत्कीर्ति का भाई, सदनपद्मा का पति तथा भीमप्रभ का पिता था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.378-382 </span></p> | ||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
(1) विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी में स्थित गांधार देश की उशीरवती नगरी का विद्याधर राजा । इसकी शशिप्रभा नामा पटरानी थी । इन दोनों के हिरण्यवर्मा नाम का पुत्र हुआ था । किसी समय नष्ट होते हुए मेघ को देख यह विरक्त हो गया । इसने पुत्र को राज्य देकर दीक्षा ग्रहण कर ली थी । महापुराण 46.145-146, पांडवपुराण 3.224
(2) चारणऋद्धिधारी युगल मुनियों में अरिंजय मुनि के साथी एक मुनि । मुनि युगन्धर के संघ के ये श्रेष्ठ मुनि थे । महापुराण 5.193-194, 62. 348
(3) राक्षसवंश के प्रवर्तक रक्षस् और उसकी भार्या सुप्रभा का पुत्र । यह बृहत्कीर्ति का भाई, सदनपद्मा का पति तथा भीमप्रभ का पिता था । पद्मपुराण 5.378-382