उपशमक: Difference between revisions
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<p> चारित्रमोहनीय कर्म का उपशमन कर्ता जीव । ऐसे जीव अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसांपराय और उपशान्त मोह इन चार गुणस्थानों में होते हैं । हरिवंशपुराण 3.82</p> | <p> चारित्रमोहनीय कर्म का उपशमन कर्ता जीव । ऐसे जीव अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसांपराय और उपशान्त मोह इन चार गुणस्थानों में होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3.82 </span></p> | ||
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
चारित्रमोहनीय कर्म का उपशमन कर्ता जीव । ऐसे जीव अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण, सूक्ष्मसांपराय और उपशान्त मोह इन चार गुणस्थानों में होते हैं । हरिवंशपुराण 3.82