ऋतु: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>1. कालका प्रमाण विशेष देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4]]। 2. सौधर्म स्वर्गका प्रथम पटल व इन्द्रक - देखें [[ स्वर्ग#5.3 | स्वर्ग - 5.3]]।</p> | == सिद्धांतकोष से == | ||
<p>1. कालका प्रमाण विशेष देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4]]। 2. सौधर्म स्वर्गका प्रथम पटल व इन्द्रक - देखें [[ स्वर्ग#5.3 | स्वर्ग - 5.3]]।</p> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ ऋण | [[ ऋण | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ ऋतुविमान | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: ऋ]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p id="1">(1) सौधर्म ओर ऐशान नामक आरम्भ के दो स्वर्गों का इन्द्रक विमान । इसकी चारों दिशाओं में तिरेसठ विमान है । आगे प्रत्येक इन्द्रक में एक-एक विमान कम होता जाता है । <span class="GRef"> महापुराण 1367, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6.42-44 </span></p> | |||
<p id="2">(2) सौधर्म और ऐशान स्वर्गों का एक पटल । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 6. 42-44 </span></p> | |||
<p id="3">(3) दो मास का समय । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 7.21 </span></p> | |||
<p id="4">(4) स्त्री की रज शुद्धि से लेकर पन्द्रह दिन का काल-ऋतुकाल । <span class="GRef"> महापुराण 38.134 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ ऋण | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ ऋतुविमान | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: ऋ]] | [[Category: ऋ]] |
Revision as of 21:38, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से ==
1. कालका प्रमाण विशेष देखें गणित - I.1.4। 2. सौधर्म स्वर्गका प्रथम पटल व इन्द्रक - देखें स्वर्ग - 5.3।
पुराणकोष से
(1) सौधर्म ओर ऐशान नामक आरम्भ के दो स्वर्गों का इन्द्रक विमान । इसकी चारों दिशाओं में तिरेसठ विमान है । आगे प्रत्येक इन्द्रक में एक-एक विमान कम होता जाता है । महापुराण 1367, हरिवंशपुराण 6.42-44
(2) सौधर्म और ऐशान स्वर्गों का एक पटल । हरिवंशपुराण 6. 42-44
(3) दो मास का समय । हरिवंशपुराण 7.21
(4) स्त्री की रज शुद्धि से लेकर पन्द्रह दिन का काल-ऋतुकाल । महापुराण 38.134