एकेंद्रिय: Difference between revisions
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Revision as of 21:38, 5 July 2020
वे संसारी जीव जिनके एक स्पर्श इन्द्रिय मात्र हो जैसे पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक इन पाँचोंमें जबतक जीव रहता है तबतक वे सचित्त, फिर जीव निकल जानेपर ये अचित्त कहलाते हैं। एकेन्द्रिय जीव छूकर के जानते हैं व इसीसे काम करते हैं। इनके स्पर्शइंद्रिय, शरीरबल, आयु, श्वासोछ्वास ऐसे चार प्राण होते हैं।
- देखें बृ जैन शब्दा. द्वि. खंड।