कर्णाट: Difference between revisions
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<p> वृषभदेव के समय में इन्द्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । यहाँ के राजा हल्दी, ताम्बूल और अंजन के प्रेमी हुए है । भरतेश के सेनापति ने यहाँ के तत्कालीन राजा को हराकर अपनी अधीनता स्वीकार करायी थी । महापुराण 16. 141-148, 154,29.91 पांडवपुराण 1.132-134, अपरनाम कर्णाटक</p> | <p> वृषभदेव के समय में इन्द्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । यहाँ के राजा हल्दी, ताम्बूल और अंजन के प्रेमी हुए है । भरतेश के सेनापति ने यहाँ के तत्कालीन राजा को हराकर अपनी अधीनता स्वीकार करायी थी । <span class="GRef"> महापुराण 16. 141-148, 154,29.91 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 1.132-134, </span>अपरनाम कर्णाटक</p> | ||
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
वृषभदेव के समय में इन्द्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । यहाँ के राजा हल्दी, ताम्बूल और अंजन के प्रेमी हुए है । भरतेश के सेनापति ने यहाँ के तत्कालीन राजा को हराकर अपनी अधीनता स्वीकार करायी थी । महापुराण 16. 141-148, 154,29.91 पांडवपुराण 1.132-134, अपरनाम कर्णाटक