काकंदी: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र की नगरी, तीर्थंकर पुष्पदन्त की जन्मभूमि । महापुराण 55.23-28, पद्मपुराण 20. 45</p> | <p id="1"> (1) जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र की नगरी, तीर्थंकर पुष्पदन्त की जन्मभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 55.23-28, </span><span class="GRef"> पद्मपुराण 20. 45 </span></p> | ||
<p id="2">(2) लवण और अंकुश के पूर्वभव के जानव प्रियंकर और हितंकर की निवासभूमि । पद्मपुराण 108. 7-46</p> | <p id="2">(2) लवण और अंकुश के पूर्वभव के जानव प्रियंकर और हितंकर की निवासभूमि । <span class="GRef"> पद्मपुराण 108. 7-46 </span></p> | ||
<p id="3">(3) रतिवर्धन भी यहाँ का राजा था । उसने काशी नरेश कशिपु की सहायता से अपना खोया राज्य प्राप्त किया था । पद्मपुराण 108. 7-30 </p> | <p id="3">(3) रतिवर्धन भी यहाँ का राजा था । उसने काशी नरेश कशिपु की सहायता से अपना खोया राज्य प्राप्त किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 108. 7-30 </span></p> | ||
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Revision as of 21:39, 5 July 2020
(1) जम्बूद्वीप के भरतक्षेत्र की नगरी, तीर्थंकर पुष्पदन्त की जन्मभूमि । महापुराण 55.23-28, पद्मपुराण 20. 45
(2) लवण और अंकुश के पूर्वभव के जानव प्रियंकर और हितंकर की निवासभूमि । पद्मपुराण 108. 7-46
(3) रतिवर्धन भी यहाँ का राजा था । उसने काशी नरेश कशिपु की सहायता से अपना खोया राज्य प्राप्त किया था । पद्मपुराण 108. 7-30