कांतारचर्या: Difference between revisions
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<p> वन में ही आहार करने की प्रतिज्ञा । दमधर और सागरसेन मुनियों ने यह प्रतिज्ञा की थी । महापुराण 8.168</p> | <p> वन में ही आहार करने की प्रतिज्ञा । दमधर और सागरसेन मुनियों ने यह प्रतिज्ञा की थी । <span class="GRef"> महापुराण 8.168 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
वन में ही आहार करने की प्रतिज्ञा । दमधर और सागरसेन मुनियों ने यह प्रतिज्ञा की थी । महापुराण 8.168