कामदत्त: Difference between revisions
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<p> श्रावस्ती नगरी का एक श्रेष्ठी । इसने जिनमन्दिर के आगे | <p> श्रावस्ती नगरी का एक श्रेष्ठी । इसने जिनमन्दिर के आगे मृगध्वजी केवली तथा महिष की और जिनमन्दिर में कामदेव तथा रति की मूर्तियाँ स्थापित करायी थी । इस स्थापना का उद्देश्य यह था कि कामदेव और रति की मूर्तियाँ देखने के लिए अधिक संख्या में आने वाले लोग जिन मूर्तियों एवं मृगध्वज केवली के भी दर्शन करें जिससे उन्हें पुण्य लाभ हो । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 28.18,29.1-6 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
श्रावस्ती नगरी का एक श्रेष्ठी । इसने जिनमन्दिर के आगे मृगध्वजी केवली तथा महिष की और जिनमन्दिर में कामदेव तथा रति की मूर्तियाँ स्थापित करायी थी । इस स्थापना का उद्देश्य यह था कि कामदेव और रति की मूर्तियाँ देखने के लिए अधिक संख्या में आने वाले लोग जिन मूर्तियों एवं मृगध्वज केवली के भी दर्शन करें जिससे उन्हें पुण्य लाभ हो । हरिवंशपुराण 28.18,29.1-6