काययोग: Difference between revisions
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<p> काय के निमित्त से आत्मप्रदेशों का संचार । यह सात प्रकार का होता है― औदारिककाययोग, औदारिकमिश्रकाययोग, वैक्रियिककाययोग, वैक्रियिक मिश्रकाययोग, आहारककाययोग, आहारकमिश्रकाययोग और कार्मणकाययोग । महापुराण 62.309-310</p> | <p> काय के निमित्त से आत्मप्रदेशों का संचार । यह सात प्रकार का होता है― औदारिककाययोग, औदारिकमिश्रकाययोग, वैक्रियिककाययोग, वैक्रियिक मिश्रकाययोग, आहारककाययोग, आहारकमिश्रकाययोग और कार्मणकाययोग । <span class="GRef"> महापुराण 62.309-310 </span></p> | ||
Revision as of 21:39, 5 July 2020
काय के निमित्त से आत्मप्रदेशों का संचार । यह सात प्रकार का होता है― औदारिककाययोग, औदारिकमिश्रकाययोग, वैक्रियिककाययोग, वैक्रियिक मिश्रकाययोग, आहारककाययोग, आहारकमिश्रकाययोग और कार्मणकाययोग । महापुराण 62.309-310